« विविध दोहे :…..*** | “Being Healthy, Wealthy & Wise ….!” » |
चाँद तो सजेगा…कहकशां भी खिलेगा!
Hindi Poetry |
आएँ न आएँ तारे
वो सारे के सारे
संग रंग तो रहेंगे
चंद जो हैं प्यारे
मुहूरत हो रहेगा
चाँद तो सजेगा
कहकशां भी खिलेगा!
इस रात की राह में
चले हैं मीलों से दिन
सुबह का सितारा वो
रहे न कभी चंदा बिन
आएँ न आएँ तारे
वो सारे के सारे
ले के पिया आएँगे
अरमां बारात द्वारे
मिलन हो रहेगा
चाँद तो सजेगा
कहकशां भी खिलेगा!