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उत्कर्ष का नहीं छोर है
Hindi Poetry |
मार्ग में संघर्ष है
संघर्ष के कई दौर है
संघर्ष में उत्कर्ष है
उत्कर्ष का नहीं छोर है
राह में कांटे बिछाये
मुश्किलें कितनी भी आये
मौत भी न जीत पाये
उम्मीदे कुछ और है
हर खुशी दुःख से बड़ी है
मुश्किलो से वह लड़ी है
लौट आओ उम्मीदे तुम
मंजिले चौखट खड़ी है
आज के भीतर रहा कल
अंकुरित बीज फिर बना फल
हर प्रतीक्षा है परीक्षा
यहाँ परीक्षा की झड़ी है
Very fine message for New Year.
All the best.
Kusum
Atisundar abhivakti is rachanaa kii
lagii bahut hii manbhaavan hai
Nav varsh kii shubhkaamanaaon sahit
aapko hardik badhaaii hai ….!
pratikriyaa ke liye dhanyvaad