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मेरा ये दिल
Hindi Poetry |
हद दर्जे का वाचाल है मेरा ये दिल,
फिर भी बहुत नादान है मेरा ये दिल.
ठोकरें खा के भी नही संभला है ये
फिर प्यार की आस् लगा बैठा है मेरा ये दिल
तेरी जफ़ा ने ही इसे बरबाद किया है
फिर भी है तेरे प्यार में पागल मेरा ये दिल
कहने को तो ये मांस का एक टुकड़ा है
पर मेरा राज़्दार है मेरा ये दिल
हो सकता है हों ऐब कई मेरे इस दिल में
मुझे तो जान से भी प्यारा है मेरा ये दिल
Bahut achche,
Rachanaa sundar, dili aur badii manbhaavan
Badhaaii
agar naadan aur paagal n ho
to kaise kahen ye hai ik kavi kaa dil ….! 🙂
Thanks a lot Vishvanand ji for appreciating my poem. I feel encouraged
U.M.Sahai