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अमिया के बगिया मुरझायिल हो…
Hindi Poetry |
अमिया के बगिया मुरझायिल हो
पोखरा के पनिया सुखायिल हो
बचपन के खेला सब – भुलाईल हो रामा
जिन्नगी में अईसन उझरायिल हो…!
अमिया के बगिया मुरझायिल हो…
पोखरा के पनिया सुखायिल हो
बचपन के खेला सब – भुलाईल हो रामा
जिन्नगी में अईसन उझरायिल हो…!
अमिया के बगिया मुरझायिल हो…
अईली परदेस बाबू
छुट्टल अप्पन देस बाबू
चिट्टियो के दिन बीतल
कऊनो ना संदेस बाबू
गऊआं के गलिया बिसरायिल हो रामा
अमिया के बगिया मुरझायिल हो…
चन्दा मामा आव तारन
सोना के कटोरिया में
दूध भात लाव तारन
बबुआ के खाती सबसे
चाकलेट लुकावा तारन
पर बबुआ के पेट ना भुखायिल हो रामा
अमिया के बगिया मुरझायिल हो…
कोहंरा के छप्पर फूत्टल
गिलिया के डंडा तूत्टल
डागदर उदास बारन
जे तोहके कबड्डी छूत्टल
हरियर, बुल्लू, पियर, करिया
गोलियन बिखरायिल हो रामा
अमिया के बगिया मुरझायिल हो…
अलग सी मोहक भाषा बहुत सुहानी
पूरी समझने में कठिन लगी
पर बहुत कुछ समझ में आई
बड़ा प्रशंसनीय है ये गीत, हार्दिक बधाई
Podcast में please गाकर सुनाइये
ये है हमारी request एवं ख्वाहिश
मज़ा आगईल विकाश बाबू, का हो के तनि गाई के सुनायिबो तो आऊर मज़ा आइबे
etna neek aur meeth geet, ka kahin kalam choom lehin kaa.
Thanks for appreciation. 🙂
achchi rachana …..badhi