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‘ पिता – ईश्वर का वरदान ‘
Hindi Poetry |
‘ पिता – ईश्वर का वरदान ‘
‘पिता’
है ईश्वर का रूप ,
है पावन एक धूप ,
है स्नेह भरा संबल ,
है खुशियों का नभतल ,
है प्यार जिनका अमूल्य ,
है रिश्ता वो अतुल्य ,
है जिनसे मेरी पहचान ,
ईश्वर का वो है वरदान !
– सोनल पंवार
bahut khoob.
@siddhanathsingh,
Sonal,
Nice timely poem on the occasion of Father’s Day.
Kusum
अति सुन्दर रचना बहुत मन भायी
पिता के प्रति आस्था और प्यार का सन्मान
आप और आपके पिता दोनों भाग्यवान
रचना पढ़कर यही हुआ अनुमान…
हार्दिक बधाई
Thank u very much sir.