« याद करिये तो जीना कठिन भूल जाना भी मुमकिन नहीं | AGE OF THE STRAW » |
‘ यादें ‘
Hindi Poetry |
‘ यादें ‘
ज़िन्दगी के रंगीन पन्नों को
यादों की शबनम में भिगोना है मुझे ,
यादों के हर एक पल को
अपनी आँखों में संजोना है मुझे ,
बीत जाए ना ये ज़िन्दगी
वक़्त की आग़ोश में ,
वक़्त को हाथों में समेटकर
खुद को यादों के समंदर में डुबोना है मुझे !
– सोनल पंवार
यादों का अतिसुन्दर सजाना
बहुत कह गयी यह संक्षिप्त रचना
और इसमें विदित सुहावनी भावना
Hearty commends for the poem
@Vishvnand, thank u sir for ur valuable comments.
एक चाहत भरी रचना ! बधाई !!!
@Harish Chandra Lohumi, thanks a lot.
very nice to read
@rajdeep bhattacharya, thanks.