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‘ दर्द ‘
Hindi Poetry |
‘ दर्द ‘
कोई शाख़ से पूछे ,
उसके पत्तों के गिरने का दर्द !
कोई लहरों से पूछे ,
साहिल तक न पहुँच पाने का दर्द !
कोई हवाओं से पूछे ,
कभी न थम पाने का दर्द !
कोई एक मकान से पूछे ,
नींव के हिल जाने का दर्द !
कोई चमन से पूछे ,
उसके उजड़ जाने का दर्द !
कोई इंसान से पूछे ,
अपनों से बिछुड़ जाने का दर्द !
ये दर्द सह पाना होता है बड़ा मुश्किल ,
कोई इस दर्द से पूछे ,
इसके अस्तित्त्व के होने का दर्द !
– सोनल पंवार
सोनल शानदार अभिव्यक्ति.
@neeraj guru, Thanks for ur comment.
सोनल तुम्हारी कविता का दर्द सचमुच में दर्द दे गया
@Swayam Prabha Misra, Thank u so much ma’am .
दर्द का अंदाज़ और अहसास सुन्दर कविता में
दर्द हो जाता है इक हमदर्द पढ़कर कविता में ….
बड़ी मनभावन सुन्दर रचना
Kudos for this beauty
@Vishvnand, Thank u so much Sir for ur valuable comment.
सर, मेरी हर कविता पर आपके कमेन्ट का इंतजार मुझसे ज्यादा मेरे पापा को होता था ! पापा मुझे बताते थे कि आपने मुझे क्या कमेन्ट दिया है ! लेकिन आज पापा मेरे पास नहीं है , पापा बहुत दूर चले गए है ! मैंने पापा को खो दिया है ! आज पापा मेरे पास होते तो सबसे पहले वो मुझे आपका कमेन्ट पढ़कर सुनाते ! इसलिए सर आपकी ये टिप्पणी मेरे लिए बहुत ही अमूल्य है !
Thank u Sir.
Regards
Sonal.
@sonal, हमारे प्रिय विश्वनंद दादा के कमेन्ट का इंतज़ार तो इस मंच पर सभी को रहता है…आपकी इस रचना पर प्रतिक्रिया देते समय जब यह पढ़ा तो कमेन्ट करने से रुक गया…और स्वयं को असमर्थ पाता हूँ…इस कृति पर कोई भी कमेन्ट करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता हूँ…और आपके पिता जहाँ भी हों आपको देखकर अवश्य ही गर्वित होंगे…ईश्वर आपके हर स्वप्न को पूर्ण करे…इसी मंगल कामना के साथ…
-प्रवीण
सुन्दर मनभावन दर्द भरी रचना,
“कोई कविताओं से पूछे…
इनके न पढ़े जाने का दर्द .”
@dp, Thanks for ur valuable comments.
Sonal bahut hee arthpoorna,marmik rachna hai yeh.
@nitin_shukla14, Thanx.
बहुत सुन्दर! दर्द का दर्द तो कोई जान ही नहीं सकता| आपके ह्रदय के दर्द को भी समझ सकते हैं| यह तो ऎसी कमी है जो पूर्ण हो ही नहीं सकती| हमारी सद्भावना स्वीकार कीजिये|
@parminder, Thank u so much ma’am for ur comments. Sahi kaha ma’am – Papa ki kami kabhi puri nahi ho sakti hai .