« क्यों मेरी माँ के आगे खुदा मेरा अंजाम रख दिया..? | गीत की तलाश » |
तलाश
Hindi Poetry |
ग़मों के समंदर में,
खुशनुमा मोती की तलाश है |
काँटों के चमन में,
मखमली गुल की तलाश है |
नीले आसमाँ में,
एक चुलबुले पंछी की तलाश हैं |
इन हवाओं में,
भीनी सी ख़ुशबू की तलाश है |
दुनिया की भीड़ में,
अपनेपन की तलाश है |
न जाने मन को,
अभी किसकी तलाश है…..
(रूचि मिश्रा)
khuda kare ki teri justajoo safal bhi ho.
@siddha Nath Singh,
Dhanyawaad…:)
बहुत सुन्दर, मनभावन रचना
हार्दिक बधाई …
कवि को मन की हर तलाश को
तलाशने की तलाश है ….
@Vishvnand,
Thanks a lot 🙂
A nice , meaningful and imaginative poem, Ruchi.
@medhini,
Thanks a lot… 🙂
very nice liked it!!
@pallawi,
Thank you….