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संसद मे हंगामा
Hindi Poetry |
गाँधी ,नेहरू शास्त्री का शायद चला गया जमाना
आज छोटी-छोटी बात पे हुआ संसद मे हंगामा!
देश के सब से बड़े प्रतीसठान को कर दिया शर्मसार
इनके आगे तो देश का क़ानून भी है लाचार!
माँगे जब वोट तो दे शिस्टचार का उपदेश
एक बार संसद मैं पहुँचे तो बदल ले भेष!
बचचा टी वी देख के बोला ‘पापा’ ये क्यो लड़ते
क्या सामने बैठे टीचर से ये नही है डरते!
देखो टीचर कब से चुप-चुप का राग आलापे
उसका भी शायद सर घूम गया,ऐसे बचचे पाके!
उठा के कुर्शी ज़ोर से फेंकी फाड़ दिए फिर कपड़े
एक दूसरे को गली दे फिर ज़ोर से आकड़े!
इसी भवन मैं कभी आदर्शो की बही थी गंगा
आज पूर्री दुनिया के सामने हमे किया है नंगा!
यहा की छत और दीवारे सूबक-सूबक के रोती
जो जूबा होती तो’अब बस करो कहती’!
देखो अपनी धरती मा का कर रहे अपमान
फिर भी बड़ी शान से बोले ‘मेरा भारत महान”!
देख के ऐसा मंज़र आज चुप हुआ राजीव
क्या यही अपने बचचो को हम दे रहे है सीख!
डॉक्टर राजीव श्री वास्तवा
सुन्दर प्रभावी अर्थपूर्ण मार्मिक व्यंग और अपनी व्यथा का चित्रण
लगता है हम अपने देश में हार चुके हैं सारे सुधार के साधन
इनसे नाउम्मीद अब भगवान् ही हैं जो कुछ बचा रहे हैं अपना देश और अपना जीवन
इस प्रशंसनीय रचना के लिए धन्यवाद और हार्दिक अभिनन्दन
@Vishvnand,
bahut bahut dhanyawad sir,aise comments jab aap jaise sahityapremiyo ki taraf se aate hai to manobal badh jata hai .thanks
agree wid vishvanad ji
@prachi sandeep singla,
thanks a lot