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कारगिल ….!
Hindi Poetry |
कारगिल ….!
क्या आपको पता है
जब वे पड़ोसी देश के प्रधान मंत्री थे
उनके यहाँ उनके बाल काटने, घर में ही
एक पढ़े लिखे बुजुर्ग हजाम आया करते थे
बाल काटने की कला में बड़े उस्ताद थे
बाल काटते काटते उनसे पूछ बैठे
“सरकार ये कारगिल में असल में क्या हुआ था?”
प्रधान मंत्री हर बार बहुत ताज्जुब में होते थे
विना कारण बाल काटते समय येन केन प्रकारेन
ये हजाम साहब कारगिल को बीच में क्यूँ लाते थे .
इस बार प्रधान मंत्री से न रहा गया
और उन्होंने गुस्से में आ हजाम जी को धमकाया
“तुम्हे इतना कारगिल से लगाव क्यूँ है
लगता है तुम दुश्मनों की तरफदारी कर रहे हो”
हजाम बिचारा डर गया, बोला
“सरकार ऐसी कुछ भी बात नहीं है,
जब मैं कारगिल बोलता हूँ
आपके बाल सीधे खड़े हो जाते हैं
काटने में बड़ी सहायता देते हैं ….”
—- xxx —-
वाह!!! सर क्या बात है … 🙂
@Tushar Mandge
हाँ, सुनी हुई ऐसी बात है 🙂
शुक्रिया…
बहुत खूब देश भक्ति से परिपूर्ण सुंदर व्यंग्य
बधाई
डॉ. वेड व्यथित
@dr. ved vyathit
आपके इस भावनिक कमेन्ट के लिए मैं आपका तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ .