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“मेरा भारत महान……”
Hindi Poetry |
यह रचना मैंने सरजी (आ. विश्वनंदजी) की कविता “मेरा भारत महान” पर दुसरे सरजी (आ. आश्विनकुमार गोस्वामी जी) की टिप्पणी को पढने के बाद लिखी……सरजी ने भी मुझे प्रेरित किया…..
कल कारगिल युद्ध की जीत को दस साल भी पुरे हुए है…..
मैं यह रचना उन शहीद जवान और उन माँओं को समर्पित करता हूँ जिन्होंने हमारी खुशियों को कायम रखने हेतु अपनी खुशियाँ और जाने गंवाई…….
“मेरा भारत महान……”
वीर चले है देखो लड़ने,
दुश्मन से सरहद पर भिड़ने,
“तिरंगा” शान से लहराता,
शुभाशीष दे भारतमाता,
जोश से सीने लगे है फूलने,
कदम लगे है आगे चलने,
अपनों से ले रहे बिदाई,
माँ की छाती है भर आई,
शहीद हो पर ना पीठ दिखाना,
भारत माँ की लाज बचाना,
हुक्म यहाँ की माँ है करती,
बेटे की कुर्बानी से नहीं डरती,
दोनों ही करते है कुर्बान,
माँ ममता को,जान को जवान,
इसीलिए तो है “मेरा भारत महान”
सबका प्यारा हिन्दुस्थान………
wah
mera bharat mahan
ati uttam
@rajdeep,
बहुत बहुत धन्यवाद राजदीपजी………………
good!keep it up!
बहुत अच्छा है योगेश जी. और मन अब भी ये ही कहने को करना है कि मेरा भारत महान. पर आज के हालात को देख कर ये नहीं पता कि कब तक और हम यहाँ कह सकते हैं.
इसी पर मैंने एक रचना college में लिखी थी (kind of sarcasm and stage show) but I do not want to put it here as it really hurts when you do not want to say something but also know the fact.
@Raj,
बहुत बहुत धन्यवाद राज जी………..
मैं मानता हूँ की, जब बुराई अपनी हदों को पार करने लगेगी अच्छाई का प्रमाण बढ़ने लगेगा…….
अंग्रेजों के जुल्म हदसे बढ़ने लगे थे, तो उनके नाक में दम करने वालें इंकलाबी और गांधीजी जैसे सत्याग्रहीयों की तादात काफी बढ़ गई थी और अंग्रेजों को मजबूरन भारत छोड़ना पड़ा था…….
वक़्त से पहले कुछ नहीं होता…..
very nice, essence of desh bhktee, liked very much-bdhaee Dr.Sahib
@sushil sarna,
सरजी, हौसला अफजाई का बहुत बहुत शुक्रिया………
गिने चुने बच पाए वतन में, जो करते सैनिक सम्मान
देश प्रेम की ज्योत जगाने ,कलमवीर हैं आप महान
अब तो हाल हुवा कुछ ऐसा ,करे लोग उनका सम्मान
जो होते हैं भ्रस्टाचारी गुंडा मवाली और बलवान
आज का नारा हो गया ऐसा ‘सौ में नब्बे बेईमान -फिर भी भारत देश महान ‘
————-नवयुवको में देश प्रेम की भावना भरने वाले आप जैसे कवियों को साधुवाद.चलो इस वातावरण में जहाँ प्य्रार मोहब्बत इश्क,जुदाई,रुसवाई, बेवफाई,तन्हाई की कविताये लिखी जा रही थी ,किसी को तो देश प्रेम और शहीदों की याद आई. रचना अच्छी .है .सिने की जगह सीने की टंकण त्रुटी है ,कविता सुन्दर है
@chandrakant,
सरजी आपकी इस सुन्दर टिप्पणी के लिए शुक्रिया……
सरजी आपके लिखने के अंदाज से मालूम पड़ता है आप एक मंजे हुए कवी है….
कृपया आप अपनी रचनाए पोस्ट करें तो आपकी प्रतिभा का लूत्फ़ हम भी ले सकेंगे……
आपकी कलम को मेरा आदर भरा अभिवादन…..
@dr.paliwal,
@dr.paliwal,
आज अपनी दो कवितायेँ प्रस्तुत कर रहा हूँ .रचना’ मोहरा ‘गुमराह युवाओं के लिए है जो देशद्रोहियों के हाथों मोहरा बन कर देश में अराजकता फैला रहे हैं .दूसरी रचना उस छोटी बहन को समर्पित है जो अल्पायु में कुदरत की मार सहने को विवश हुई.
आपकी इस रचना के पश्चात् कवियों में देशभक्ति का ज़ज्बा पैदा हुवा है .खुसी हुई .
जय हिंद
रचना बहुत ही sunder है…
Happy republic day ..
@Ravi Rajbhar,
Thanks dear…..
बहुत ही सुन्दर और आज के माहौल में जहाँ बहुतांश देशवासिओं और नवयुवकों को गलत ढंग से बेहूदे हीरो (आदर्श ) और hero worship की ओर बहकाया जा रहा है वहाँ ये कविता सच्चे देश के हीरों का ख्याल पिरोने का अति सुन्दर और उपयुक्त प्रयोग है l रचना की जितनी प्रशंसा की जाए कम है l
Dr Paliwal जी इस रचना के लिए बहुत बहुत बधाई और आदरपूर्ण धन्यवाद .
@Vishvnand,
सरजी आपके इस प्यारेसे comment से मैं गदगद हो गयाजी….
मेरा भारत महान ,२६ जुलाई, शुद्ध के लिए युद्घ जैसी कविताये लिखने वाले गिने चुने कवि ही रह गए हैं .ऐसे कवियों के इस कवि मंच में रहने से लगता है की भारतीयों में देश प्रेम की भावना भरने वाले,राष्ट्र के प्रति सोचनेवाले,शहीदों की शहादत को याद करनेवाले,जमाखोरी,लूट-खसोट के विरुद्ध आवाज बुलंद करनेवाले गिने चुने कवि उन इश्क के मारे कवियों से भरी पड़ रहे हैं.जो केवल हताश निराश हैं और बेवफा प्रेमी की यादों में ही खोये रहते हैं .उन देश प्रेमी कवियों, राष्ट्रभक्त शायरों को दिल से सलाम . स्वतंत्रता दिवस के उप्लाक्स में इस मंच के हर कवि से निवेदन करुगा के वो भी डॉक्टर पालीवाल की तरह साल में कम से कम एक कविता को राष्ट्र के नाम समर्पित करे.
@chandrakant,
पुनः धन्यवाद सरजी…..
सरजी मेरा निवेदन है आप मेरी कविता “बस नहीं तोफ भेजेंगे” अवश्य पढें और अपनी अनमोल सलाह दें……
बहुत ही छोटे रूप में इतनी देशभक्ति की भावना को अत्यंत सारपूर्ण ढंग से लेखनीबद्ध करना एक बहुत अच्छे कवि की श्रेणी का परिचायक है, डॉक्टर पालीवालजी —– पढ़ते जाओ लिखते जाओ ! धन्यवाद ~ अ.कु. गोस्वामी.
@ashwini kumar goswami,
धन्यवाद सरजी…..
सरजी आप जैसे बड़े कवियों का मुझे अच्छा कवी कहना सचमुच सुखद तो है, पर यह आपकी शालीनता और बडेपन को दर्शाता है, हमें सदैव आपके शुभाशीष की आवश्यकता रहेगी…..
@dr.paliwal, मात्रा की पूर्ती के लिए कविता में तो चल सकता है लेकिन सामान्य लेखन में “कवी” लिखना अशुद्ध है क्यों कि शुद्ध शब्द “कवि” होता है, कृपया सर्वदा स्मरण रखें ! क्यों कि बहुतेरे लोग ऐसी ही त्रुटि
करते हैं तथा क्षमा करें मुझे अशुद्धि नहीं पचती चाहे मेरी हो अथवा और किसी की !
अ.कु. गोस्वामी.
@ashwini kumar goswami,
Bahut bahut dhanyvaad sirji….
main yaad rakhunga …..
Doctor sahab jai hind
ek waqai main sachchi sharadhnjali shaheedon ko,
aapne apni qalam se hum sab hindustaniyonki tarf
se shaheedon ko sharadhanjali di hai.
meri tarf se shukriya
@shakeel,
बहुत बहुत शुक्रिया शकीलभाई…..
A beautiful patriotic poem.
Sunder bhav aur rachna.
@medhini,
Thanks a lot Medhiniji……
फूल गया है गर्व से सीना ,
पड़कर सुन्दर रचना ए नगीना
बहुत अच्छे योगेश जी
@THE LAST HINDU,
Aapki ki is pyarese comment ke liye dhanyavaad Vijayji…..
yah ek bahuth gandha site hai
@raju,
Dear Raju Ji,
Aap meri rachna ko ‘bhala bura’ kahen to swagat hai…..
Parantu maf karna “p4poetry” site ko ganda kahna aapki “Mansik Viklangta” ko darshata hai…….
यह बहुत ही अच्छी कविता है….. इसे पढ़ कर मन अब भी देशभक्ति से भर जाता है….. i really lyk it………
@surbhi,
Ji Bahut Bahut dhanyavad…….
app desh per likh lihe ho per 100 me se 100 baeman hai fir apna bharat mahan kyo hai
@dineshrudraksa,
Maf karna main aapse sahmat nahi hun, abhi bhi kai imandar hai is desh me, main ‘Mumbai’ ke kai aise police officers ko janta hun jinhe unki imandari ki vajah se ‘Gadchiroli’ jaise naxsal prabhavit ilako me transfer kiya gaya……..
hum yadi apne aap se suruvat kare, chahe kuch bhi ho mai rishwat na dunga na lunga to paristhitiyon me badlav hote der na lagegi……
Dard isi baat ka hai, har vyakti chahta hai “Bhagatsingh pados ke ghar me paida ho, apne nahi.”
Kaun kahta hai ki aasman me surag nahi hota…..
Ek patthar to tabiyat se uchhalo yaro…….
Yah desh tab tak mahan bana rahega jab tak desh ke jawan, desh ki aan bachane ke liye, apne pranon ki aahuti dete rahenge…….
ला जवाब बहुत अच्छा शानदार पेशकश. एसा कविता देखने को नही मिलता.
आप सबसे अच्छा कवी है
Ji bahut bahut dhanyavad, aapki is sundar pratikriya se man prafullit ho gaya……
what a nice presentation
mera bharat mahan
@rajdeep,
कितनी अच्छी कविता
Very nice. Ilike it very much.
“MERA BHARAT MAHAN”
Nice Poem..
Mera Desh Mahaan
VERY NICE………………… AND YOUR WORK IS AWESOME………….. ALL THE BEST FOR YOUR BRIGHT FUTURE………
Wow really nice poem
you are ding such a great job by these poems…..u r inspiring millons
keep it up n move on:)
anekta ki ekta mei bhi shaan hai…..isiliye toh mera bharat mahaan hai:):)
Nice sir I m a student you motivate me thank you sir thank you so much