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“चांद ऑर चकोर”
Hindi Poetry |
सुनो चांद ऑर एक चकोर की दास्तां,
उनकी प्रेमकहानी एक कवि की जुबां.
शाम के इंतजार में फिरता दिवाना,
जॅसे शमा की आग में भटकता परवाना.
होते संध्या निकल जाता वो चंदा को छुने,
हर रात गुजर जाती बस इसी कोशिश में.
पलकों पर अश्क ऑर दिल में दर्द लिए,
आशा की ज्योत जगाए, होते भोर घर लॉट आए.
हर दिन मुरझाया सा गुजारता इंतजार में,
हर रात गुजरती चांद की चाह में.
चकोर का प्यार था सागर से भी गहरा,
बन गया वो फूटी किस्मत का मुहरा.
चांद भी अमावस में छुपकर रोया हॅ बहुत,
चकोर था उसकी तडप से बेखबर.
चांद ने कहा-“ऍ दिवाने न करो हमसे इतना प्यार”,
सिवा जीवनभर के विरह के न कुछ ऑर मिलेगा उपहार.
हम तो हॅं अमानत इस आसमान के,
कॅसे बनोगे हमसफर तुम हमारे ?
चकोर ने कहा “ऍ मेरे हमदम”,
माना तुम न मिलोगे हमें जीवनभर,
पर तुम्हारी आस में गुजार देंगे सारा जीवन,
तुम्हें देखकर ही जीयेंगे अब हर दिन.
“चांद” एक आखिरी इच्छा कर दो पूरी,
बाद इसके न मांगंगे तुमसे कुछ कभी.
जीवनभर ये प्यार न कम होगा,
हर सांस में मागेंगे तुम्हारी खुशियों की दुआ.
ये प्राण पखेरु जब उड जाएंगे,
मेरी लाश को अपनी पनाहों में ले लेना,
अपनी चांदनी की चुनर का कफन दे देना,
मरने के बाद बस यह मुराद पूरी कर देना.
संग मेरे उस युग का इंतजार करना,
होगा संभव जब हमारा भी मिलना.
बादलों में मुंह छुपाकर रातभर चांद रोता रहा,
चकोर की हर तमन्ना हो पूरी यही कामना करता रहा,
प्रेम की गहराई आजतक क्यों कोई समझ न पाया ?
राजश्री राजभर
बहुत खूब, बहुत सुहावनी कविता,
बहुत सुंदर प्रवाह
बधाई.
क्या होगा जब चकोर को पता चलेगा की अब चाँद तक और चाँद पर पहुँच सकते हैं ?
इस पर शायद दूसरी कविता उभरे.
Ya sure sir i will tell to chakore to got to Chand. Thankx for your best comment.
very nice poem by u
liked it ma’am
regards
deep
Thank u so much rajdeepji for your best comment.
simple and touching, why dont you give a grip of rythem and complexion of vocab to your poetry. it will create a new flavor. it is realy good to see many youngerters here pouring their all natural talant.
best wishes and stars for your this simple one.
congrats
Hi Rajshree ji
H R U & W R U ……
I’m wating for your new poem till the date please read this.
keep writing..
@Ravi k Rajbhar, sorry please write this…..
Hi, rajshree,
Good Morning.
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WISHING YOU AND YOUR FAMILY A VERRY HAPPY AND COLOURFUL HOLI … Dhuleti
प्रिय मित्र राजश्री, आज एक नवप्रयासित मित्र ने पूछा कि अक्सर कवितओं में चाँद और चकोर का उल्लेख रहता है..कृपया ज्ञान वर्धन करें कि दोनों में क्या सम्बन्ध है…मैंने पहला और सबसे आसान काम गूगल किया, तो एक तो चकोर का wiki पेज मिल गया, दूसरे, देखा कि अरे ये जाना-पहचाना नाम दिख रहा है राजश्री राजभर…तो मैंने आपकी कविता भी भेज दी..इतना अच्छा वर्णन मेरे मित्र को अच्छा ख़ासा ज्ञान दे ही देगा 🙂
रही बात मेरी, तो वाक़ई, बहुत सुंदर रिश्ता वर्णित किया है आपने राजश्री..और प्रेम की पराकाष्ठा ही है चाँद और चकोर के दरम्यान ये संवाद..मेरे ख़याल से, प्रेम की गहराई तो कोई समझ न पाएगा…पर हाँ, गहरा एहसास ही उसे पाएगा, और वो भी, जिसका परिमाण नहीं बताया जा सकता!
प्रशस्ति !